1.
ऊपर बादर घर्रायें हो,
नीचे गोरी धन पनिया खों निकरी।
जाय जो कइओ उन राजा ससुर सों,
अंगना में कुइया खुदाय हो,
तुमारी बहू पनिया खों निकरीं।
जाय जो कइऔ उन राजा जेठा सों,
अंगना में पाटें जराय हो,
तुमारी बहू पनिया खों निकरी।
जाय जो कइऔ उन वारे देउर सों,
रेशम लेजें भूराय हों
तुमारी बहू पनिया खों निकरी।
अरे ओ जाय जो कइऔ उन राजा ननदोउ सों,
मुतिखन कुड़ारी गढ़ाये हों,
तुमारी सारज पनिया खों निकरीं।
जाय जो कहियो उन राजा पिया सों,
सोने के घड़ा बनवायें हों,
तुमारी धनी पनिया खों निकरीं।
अर्थ- इस गीत में गोरी पानी भरने के लिए कुंए पर जा रही है, आसमान में बादल गरज रहे हैं। वह अपने परिवार के सभी लोगों से विनती करती है कि क्यूं न घर में हीं कुंआ खुदवा दिया जाए जिससे कि वह आराम से पानी भर सके। ससुर जी से कहती है वह कुंआ खुदवा दें, जेठ से कहती है कि वह आंगन में पाट लगवा दें। देवर से कहती है कि वह रेशम की डोरी ला दे।ननदोई से कहती है कि मोती की कुड़री गढ़ा दें। पति से कहती है कि वह मेरे लि सोने की कलश बनवा दें ।
2.
जल भरन जानकी आई तीं,
आई तीं मन भाई तीं।
कौन की बेटी कौन की बहुरिया
कौन की नारि कहाई तीं।
जल भरन जानकी आई तीं,
आई तीं मन भाई तीं।
जनक की बेटी दसरथ की बहुरिया
राम की नारि कहाई तीं।
जल भरन जानकी आई तीं,
आई तीं मन भाई तीं।
अर्थ- जल भरने के लिए जानकी जी आई थीं। वे सवके मन को बहुत भा गईं थी। वह किनकी बेटी किनकी बहू व किनकी पत्नी थीं। वे राजा जनक की पुत्री, राजा दशरथ की पुत्रवधु और श्रीराम की पत्नी थीं।
-प्रीतिमा वत्स
ऊपर बादर घर्रायें हो,
नीचे गोरी धन पनिया खों निकरी।
जाय जो कइओ उन राजा ससुर सों,
अंगना में कुइया खुदाय हो,
तुमारी बहू पनिया खों निकरीं।
जाय जो कइऔ उन राजा जेठा सों,
अंगना में पाटें जराय हो,
तुमारी बहू पनिया खों निकरी।
जाय जो कइऔ उन वारे देउर सों,
रेशम लेजें भूराय हों
तुमारी बहू पनिया खों निकरी।
अरे ओ जाय जो कइऔ उन राजा ननदोउ सों,
मुतिखन कुड़ारी गढ़ाये हों,
तुमारी सारज पनिया खों निकरीं।
जाय जो कहियो उन राजा पिया सों,
सोने के घड़ा बनवायें हों,
तुमारी धनी पनिया खों निकरीं।
अर्थ- इस गीत में गोरी पानी भरने के लिए कुंए पर जा रही है, आसमान में बादल गरज रहे हैं। वह अपने परिवार के सभी लोगों से विनती करती है कि क्यूं न घर में हीं कुंआ खुदवा दिया जाए जिससे कि वह आराम से पानी भर सके। ससुर जी से कहती है वह कुंआ खुदवा दें, जेठ से कहती है कि वह आंगन में पाट लगवा दें। देवर से कहती है कि वह रेशम की डोरी ला दे।ननदोई से कहती है कि मोती की कुड़री गढ़ा दें। पति से कहती है कि वह मेरे लि सोने की कलश बनवा दें ।
2.
जल भरन जानकी आई तीं,
आई तीं मन भाई तीं।
कौन की बेटी कौन की बहुरिया
कौन की नारि कहाई तीं।
जल भरन जानकी आई तीं,
आई तीं मन भाई तीं।
जनक की बेटी दसरथ की बहुरिया
राम की नारि कहाई तीं।
जल भरन जानकी आई तीं,
आई तीं मन भाई तीं।
अर्थ- जल भरने के लिए जानकी जी आई थीं। वे सवके मन को बहुत भा गईं थी। वह किनकी बेटी किनकी बहू व किनकी पत्नी थीं। वे राजा जनक की पुत्री, राजा दशरथ की पुत्रवधु और श्रीराम की पत्नी थीं।
-प्रीतिमा वत्स
(फोटोग्राप्स मैंने नेट से लिया है)