Tuesday, June 16, 2009

बंगाली लोक गीत


आमि स्वप्ने देखि मधुमालार मुख रे
स्वप्न जोदि मिथ्या रे होइतो
गलार हार की बोदोल होइतो रे लोकजन।
स्वप्न जोदि मिथ्या रे होइतो
अंगुरी की बोदोल होइतो रे लोकजन।
मदनकुमार जात्रा कोरे,
मस्तुल भांग्या पानित पोड़े रे, लोकजन।।
आमि स्वप्न देखि मधुमालार मुख रे।।



मैं स्वप्न में मधुमाला का मुख देखता हूँ
यदि यह स्वप्न झूठा है, ओ लोगो,
तो फिर मेरे हार की उसके हार से अदला-बदली कैसे हो गई।
मदनकुमार जात्रा आरंभ करता है (मधुमाला की खोज में)
बजरे का मस्तूल टूटकर पानी में गिर जाता है।

आमि धेरज धारिते पारिना हाय,
आमि धेरज धारिते पारिना......
देखा दियो हे मोर बंधु श्याम राय,
तोमार ना दिखिया जाप दिखा, राय,
देखा दियो हे मोर बोधु श्याम राय
धेरज धारिते नारी नारिर प्रानेते
उपाय बाला गा बृंदे, ओ कृष्ण प्रेयेते
उपाय बाला गो बृंदे।
आमि धेरज धारिते पारिना.......।


अब मुझसे और अधिक धैर्य नहीं रखा जा रहा।
ओ मेरे प्रिय कृष्ण, कृपा करके दर्शन दो।
तुम्हारे बिना मैं बेसुध पड़ी हूँ।
धीरज शायद नारी की नियति है लेकिन
मेरा नारी-हृदय आकुल-व्याकुल हो उठा है
मुझे मेरे प्रियतम की राह बता दो, ओ बृंदा।
अब मुझसे और धैर्य नहीं रखा जा रहा।।

-प्रीतिमा वत्स

6 comments:

  1. नारी मन के बेहद नाज़ुक से अहसास
    बाँग्ला भाषा मेँ सजीव हो उठे हैँ !
    श्री कृष्णम शरणम मम

    ReplyDelete
  2. बहुत दिनों के बाद ये ब्लाग नज़र आया है। मुझे काफी अच्छा लगता है आपका ब्लाग।

    ReplyDelete
  3. इसे सुनवाइये भी। सिर्फ़ पढ़ कर लोक गीत का वो मज़ा नहीं आता, जो सुन कर उसकी लोक धुन के साथ आता है।

    ReplyDelete
  4. बंगाली तो आती नहीं..मगर हिन्दी में देख अच्छा लगा.

    ReplyDelete
  5. मीठा गीत हिंदी में था साथ में इस लिए समझ में आ गया शुक्रिया

    ReplyDelete
  6. We would like to conect with you.

    if posble kindly provide the mail id at praveen@bhojpuria.com

    www.bhojpuria.com
    www.jaibhojpuri.com

    ReplyDelete

Lok Astha ka prateek Lukluki Gaon ka Saali Puja.

www.gaonjunction.com/lokrang/gramyug/sali-puja-of-lukluki-one-day-when-the-whole-village-becomes-a-devotee-of-maa-kali?fbclid=IwY2xjawKft1xl...