Sunday, March 30, 2008

सुख समृद्धि का प्रतीक शंख


कभी धर्म के लिए तो कभी आयुर्वेद के लिए शंख । कभी सौन्दर्य के लिए शंख तो कभी सुख समृद्धि के लिए शंख। सदियों से आदमी की जिन्दगी से जुड़ा है शंख।

वैसे तो शंख के कई प्रकार हैं, लेकिन दक्षिणावर्ती शंख, साधना मोती शंख और गणेश शंख की महत्ता कुछ अलग ही है। कोई शंख सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, तो कोई वातावरण को स्वच्छ रखता है।
दक्षिणावर्ती शंख- दांयी तरफ की ओर खुला भाग वाला शंख दक्षिणावर्ती शंख के नाम से जाना जाता है। यह थोड़ा दुर्लभ होता है। दक्षिणावर्ती शंख सफेद रंग मे उपलब्ध होता है, जिसपर हल्के भूरे रंग की धारियां होती हैं। यह शंख मां लक्ष्मी का अति प्रिय माना जाता है। दक्षिणावर्ती शंख को साधारणतया लोग अपने पूजाघर या लॉकर में रखते हैं। तथा किसी पर्व-त्योहार या उत्सव में ही निकालते हैं। यह सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। पुराणों के अनुसार प्रत्येक देवी देवता अपने पास शंख रखते थे, जब कभी वे बहुत खुश होते या किसी युद्ध में विजयी होते तो इसका उपयोग करते थे। यह आम धारणा है कि जिस घर में दक्षिणावर्ती शंख होता है वहां सुख समृद्धि और शकून हमेशा रहता है। यह भी विश्वास है कि जो इसे अपने लॉकर में रखते हैं उन्हें जिंदगी में कभी पैसे की तंगी नहीं होती है। दक्षिणावर्ती शंख को सफेद कपड़े में लपेटकर या सफेद कपड़े के ऊपर रखा जाता है। तांत्रिक शास्त्र में इसका दूसरा ही महत्व है। इनके अनुसार दक्षिणावर्ती शंख धन का प्रतीक नहीं माना जाता है बल्कि यह बातावरण को स्वच्छ रखता है, और बुरी शक्तियां इससे कोसों दूर रहती हैं।
गणेश शंख- गणेश शंख व्यक्ति के व्यक्तित्व तथा दिमकग में मजबूती लेता है। खुशी, सोहरत, अच्छा स्वास्थ्य के साथ-ताथ आत्मदिश्वास की प्राप्ति भी होती है। गणेश शंख को भगवान गणेश का प्रतिनिधि भी माना जाता है। गणेश शंख की उपयोगिता मुख्यत पूजा में होती है। इसके साधक सत्यवादी होते हैं तथा लंबी आयु पाते हैं। उसके बच्चे भी जन्म से ही रोगों से दूर रहते हैं तथा विषम परिस्थितियों में भी धैर्यवान होते हैं। गणेश शंख व्यवसाय के क्षेत्र में भी सहायक होता है।
फेंगसुई की दृष्टि से गणेश शंख व्यवसाय तथा विदेश यात्रा को प्रभावित करता है। यह शंख बुद्ध के पांव में पाए गए आठ निशानों में से एक है।6 से 8 इंच का एक गणेश शंख लेकर घर या आफिस के किसी कोने मेो रख दें। यदि आपके काम या शोहरत में बृद्धि होने लगी हो तो आप इसे घर के दक्षिणी हिस्से में रख दें। यदि आपका झुकाव पढ़ाई की तरफ हो तो आप इसे पूर्वोत्तर कोने में रखें। गणेश शंख को लोग अपने पूजाघर या लॉकर में रखते हैं, तथा किसी विशेष अवसर पर हीं इसे निकालते हैं।
साधना मोती शंख- मोती शंख साधारणतया गोल आकार का होता है, इसमें एक सफेद धारी होती है जो ऊपर से नीचे तक खिंची होती है। तथा पूरा शंख एक मोती की तरह चमकता रहता है। यह बहुत ही दुर्लभ किस्म का शंख है। इस शंख का उपयोग ज्यादातर ऐसे व्यक्ति करते हैं, जो सन्यास के मार्ग पर चल रहे हैं। इस शंख के माध्यम से उन्हें अपने ध्यान,योग आदि में बहुत सहायता मिलती है। वैसे तो दक्षिणावर्ती शंख साधना के लिए उत्तम माना जाता है। परन्तु मोती शंख और भी महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन यह बहुत दुर्लभ होता है। सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि इस शंख में मां लक्ष्मी का वास होता है, जो धन और सम्पत्ति की देवी मानी जाती हैं। प्रत्येक परिवार इस शंख को अपने घर में रख सकता है।
आयुर्वेद में मोती शंख बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। रात को शंख में थोड़ा सा पानी डालकर रख दें और सुबह उसे अपनी त्वचा पर लगाएं तो त्वचा की सारी बिमारी दूर हो जाती है। यदि त्बचा पर सफेद दाग है तो शंख में थोड़ा पानी 12 घंटे तक रखें । उसके बाद उसे निकालकर त्वचा पर लगाएं, कुछ दिनों तक इस क्रिया को दोहराने से सफेद दाग दूर हो जाते हैं। पेट की समस्या हो तो 12 घंटे तक शंख में रखा हुआ पानी सुबह-सुबह एक चम्मच पीयें। इस क्रिया को कुछ दिन तक दोहराने से पेट की सारी समस्या दूर हो जाती है। इस पानी का उपयोग आंखों में करने से आंखों की सास्या भी धीरे-धीरे दूर हो जाती है।
साधना मोती शंख के आर्थिक लाभ भी बहुत सारे हैं-सुबह सुबह शोख में थोडड़ा सा पानी लेकर एक बाल्टी पानी में डाल दें, उस पानी से नहाएं तो यश और भाग्य में वृद्धि होती है। अपने घर आफिस या कार्यक्षेत्र में इस शंख को रखने से आर्थिक परेशानी दूर हो जाती है। साधक धन तथा यश को प्राप्त करता है।
इस प्रकार प्रत्येक शंख अपने-आप में बहुत सारी महत्ता समेटे हुए है, और किसी भी कीमत पर कोई शंख एक दूसरे से का महत्वपूर्ण नहीं है।

-प्रीतिमा वत्स

1 comment:

  1. आपकी बनाई हुई सभी पेंटिंग्स बहुत सुन्दर हैं , लोकरंग उनमें भी झलक रहा है ।
    एक जानकारी भरी पोस्ट के लिए शुक्रिया !

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