बिहार के अंगजनपद में(वर्तमान भागलपुर तथा उसके आस -पास के इलाकों में) अंगिका भाषा बोली जाती है। यह भाषा जितनी मधुर है उतनी ही समृद्ध भी। मुहावरे और लोकोक्तियाँ तो इस भाषा की जान हैं जैसे। इन लोकोक्तियों को अंगिकाभाषी फेकड़ा कहते हैं। बहुत बड़ी-बड़ी बातो को इन लोकोक्तियों के जरिए बड़े कम शब्दों में आसानी से कह दी जाती है।
मांय करै कुटौना पिसौना
बेटा के नाम दुर्गादास।
माँ घर-घर जाकर नौकरानी का काम करती है अथवा कठिन परिश्रम करती है और बेटे के नखरे तो कहे नहीं जाते।
नोन् तेलो रोस
भंसिया हाथॉ जस।
नमक तेल की सही मात्रा से ही खाने में स्वाद आता है। और यह स्वाद ही खाना बनाने वाले(भंसिया) को तारीफ दिलाता है। अर्थात उनके हाथों में यश देता है।
घरँ भूँजी भाँग नाय्
डेढ़ी पर नाच।
घर में खाने के लाले पड़े हों और दिखावे का आलम ऐसा कि दरवाजे पर नाच-गाना करवा रहे हैं।
मिलै मियाँ क् माँड़ नाय
खोजै मियाँ ताड़ी।
मनुष्य को सीधा-सादा जीवन गुजारना मुश्किल हो,भोजन भी कठिनाई से मिलता हो,
फिर भी चाह हमेशा विलासिता के वस्तुओं की ही रहती है।
-प्रीतिमा वत्स
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अच्छी जानकारी दी।आभार।
ReplyDeleteदिलचस्प !
ReplyDeleteबेहद रोचक्!
ReplyDeleteप्रतीमा जी आज पहली बार नेट पर अंगिका को देखकर खुशी मिली। भागलपुर का रहनेवाला हूं। पेशे से पत्रकार हूं। फिलहाल लुधियाना (पंजाब)में एक प्रतिष्टित अखबार में बतौर मुख्य संवाददाता कार्यरत हूं। मेरी शुभकामना आपके साथ है।---काली किंकर मिश्रा
ReplyDeleteआप मेरे ब्लाग पर आए और आपको ब्लाग अच्छा लगा। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मैं पेशे से कलाकार हूं और अक्सर अखबारों में फीचर लेखन का मौका भी नहीं छोड़ती हूं। भागलपुर में बहुत समय गुजारा है मैंने।
ReplyDeleteधन्यवाद,
Really, Its very good to see my own language. I am from Bhagalpur. Right now, working in Hyderabad. Thanks a lot to you for your initiative work.
DeleteAmardeep Verma
very interesting and practical knowledgefull R.L INSPECTOR
ReplyDeleteKhasiya ke jaana jaye khawaiyaa ke swadey nahin ..
ReplyDeletePritima ji .. Aapke blogs padh akr dil khush ho jata hai .. bejhtareen bahut saree bahdai hai aapako
ReplyDeleteखाय के उपाय नैय,
ReplyDeleteढोर् ही मेँ तेल लगवै छी।
-बेगूसराय से
i think wekipedia is best for angika language.
ReplyDeleteसोझा के बोझा सें काम
ReplyDeleteबौधा के मालिक सीताराम
jai Angika Bhashi, jai Angika
ReplyDeleteAngika Janjagaran Abhiyan , Delhi
working for recognition of Angika Language in Central List.
Angika Activist : Dr. Shashi Dhar Mehta " Ratnam"
9968953320 ,9910892498 Facebook : angikadelhi
ये फेकड़े ही तो जीवन हैं.. दादा दादी के मर्मों को जीवित होते देख पाता हूँ।
ReplyDeleteधन्यवाद