भारतवर्ष के करीब हर राज्य में लोक देवी-देवताओं का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। हर खुशी के अवसर पर जैसे- शादी-ब्याह, जनेउ, मुंडन आदि में सबसे पहले इन देवी-देवताओं की आराधना की जाती है। बिहार तथा झारखंड में इस अवसर पर जो गीत गाये जाते हैं उन्हें मनान गीत कहते हैं। किसी भी लोक देवी-देवता की पूजा के पहले मनान गीत गाकर उन्हें खुश किया जाता है।
कौन काती कतरव बॉस क् बीट हे कओन काती साजब में कामी
कि ओही रे मंडप घर हे ।
सोने काती कतरव बॉस बीट हे रूपे काती साजब में कामी
कि ओही रे मंडप घर हे।
ओही कामी बिनबो में डाला डूली हे भरबो में ओड़हुल फूल
कि ओही रे मंडप घर हे।
ओही फूल पुजवो में जदवावीर देव हे जिनि मोरा पुराओल आस
कि ओही रे मंडप घर हे।
पुजु पुजु तिरिया सम्पूर्ण भए हे हम तोहर पुरायेव आस
कि ओही रे मंडप घर हे।
अर्थ:
किस तरह से बाँस काटकर मंडप सजाया जायेगा ?
किस प्रकार कुलदेवताओं के पूजन के लिए उचित सामग्री तैयार की जाएगी ?
सोने के हँसुआ से बाँस के टुकड़े काटे जायेंगे और चाँदी के अलंकरण से मंडप का द्वार सजेगा जहाँ कुलदेवताओं की पूजा होगी।
उसी बाँस से पूजन की डलिया तैयार की जायेगी और उसमें जवा कुसुम का फूल भरकर पूजन की सामग्री तैयार की जायेगी।
इसी प्रकार जदवावीर देवता की पूजा होगी जिन्होंने मेरी मनोकामना पूरी की है।
देवता कहते हैं- हे रमणी. पूजन करो। हम तुम्हारी सभी मनोकामनाओं को पूरा करेंगे।
हर इलाके के अलग-अलग कुल देवता होते हैं। बंदी देव, शैलू गोसांई, बंदी, सोखा, गोरेया, जदवावीर, परमेसरी, काली महामाया तथा हनुमानजी आदि कुलदेवताओं के अलग-अलग नाम हैं। जिनके घर में जो देवता हैं, उनका नाम लेकर यह गीत गाया जाता है। किसी-किसी घर में पाँच या उससे भी अधिक कुलदेवता होते हैं।
-प्रीतिमा वत्स
कल बच्चे जब हम से हमारे लोकगीत मांगेंगे तब आप जैसे रचनाधर्मी व्यक्तित्वों के किए कार्य ही शायद हमारी नाक बचा पाए, ये सदियों के लिए सरंक्षण समतुल्य कार्य है। बधाई।
ReplyDeletebada kaam hai aapka.aur vinamrata dekhiye aapki ki jise bachaana chahti hai usike liye header par likh bhi diya ki lokrang jo vaqt ke saath badalta hai.
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