Monday, October 19, 2020

देवी गीत (Goddess song)

 

आजू रे सुदिन दिन

मैया अएथिन अँगना-2

जौ हम जनिता मैया अएथिन

दुध से निपौती अँगना।

मैया अएथिन अँगना,

महामाया देवी अएथिन अँगना।

आजू रे सुदिन....................।

किए माँ को बईसन दियबै,

किये रे ओठगनवा।

आजू रे सुदिन............।

कलशा माँ को बईसन दियबै,

पिंडी रे ओठगनवा।

आजू रे सुदिन..........

किये माँ को पहिरन दियबै

किये रे ओढनवा,

आजू रे सुदिन......

पटोरी माँ को पहिरन दियबै

चुनरी रे ओढनवा,

आजू रे सुदिन...........

किये माँ को भोजन दियबै

किये रे ओठ रंगना,

खीर माँ को भोजन दियबै

पान रे ओठ रंगना

आजू रे सुदिन ...............

किये माँ के सिंगारी में

किये रे सुमिरनवा।

सिंदूर माँ के सिंगारी में,

चंडी पाठ से सुमिरनवा।

आजु रे सुदिन दिन

मैया अएथिन अँगना।-2

यह एक अँगिका लोक गीत है. इसमें माँ दुर्गा के आगमन से भक्तों में होनेवाली खुशी को दर्शाया गया है-

आज का दिन बहुत हीं शुभ है, आज माँ हमारे आँगन में आनेवाली हैं। यदि हमें पहले से पता होता कि माँ हमारे घर आएँगी तो मैं दूध से अपने आँगन को लीप कर रखती। माँ को कहाँ पर बैठने दूं और टेक लगाने के लिए क्या दूँगी, माँ को कलश का आसन बैठने के लिए और पिंडी टेक लगाने के लिए दूँगी। माँ को क्या पहनने के लिए और क्या ओढ़ने के लिए दूँ। माँ को साड़ी पहनने के लिए और चुनरी ओढ़ने के लिए दूँगी। माँ को भोजन में क्या दूँ और होठों को रंगने के लिए क्या दूँ। माँ को खीर भोजन के लिए और पान होठों को रंगने के लिए दूँगी। किससे माँ का श्रृंगार करूँ और कैसे माँ का सुमिरन करूँ। सिंदूर से माँ का श्रृंगार करूँगी और चंडी पाठ से उनका सुमिरन करूँगी। आज का दिन बहुत हीं शुभ है देवी माँ हमारे आँगन में आ रही हैं।

-प्रीतिमा वत्स

 (फोटोग्राफ- गूगल से साभार)

 

 

 

No comments:

Post a Comment

Aangan me Tulsi Chaura (एंगना मॅ तुलसी चौरा)

दुनिया के सब आपाधापी सॅ थकी क जबS दिन दुपहरिया घोर जाय छेलियै त एंगना मॅ तुलसी के लहलहैलो पौधा देखी क जी जुड़ाय जाय छेलै। जहिया सॅ महानगर ...